मौन यहां चीखता है शब्द यहां चिल्लाता है फिर भी चुप करवाती जिंदगी। मौन यहां चीखता है शब्द यहां चिल्लाता है फिर भी चुप करवाती जिंदगी।
वो फूल मै काँटा हूँ वो फूल मै काँटा हूँ
स्वर्ण रंग पाए हैं सूर्यमुखी फूल, सुगन्ध दे रहे हैं सोनचम्पा फूल स्वर्ण रंग पाए हैं सूर्यमुखी फूल, सुगन्ध दे रहे हैं सोनचम्पा फूल
मेरी नादाँ सी कोशिशों पर, कि कोई कितना भी रूठे हम मना ही लेंगे। मेरी नादाँ सी कोशिशों पर, कि कोई कितना भी रूठे हम मना ही लेंगे।
इस पत्थर की दुनिया में, मेरा कांच का महल था यारों ! इस पत्थर की दुनिया में, मेरा कांच का महल था यारों !
आंसुओं की लहरों के चपेटे में आ गया, और कमज़ोर हो गयी इसकी सतह, आंसुओं की लहरों के चपेटे में आ गया, और कमज़ोर हो गयी इसकी सतह,